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Pramod Ranjan deposited यशपाल के हिमाचली होने का अर्थ [The meaning of Yashpal being a Himachali] in the group
Literary Journalism on Humanities Commons 1 year, 4 months ago
यह लेख वर्ष 2003 में, हिंदी लेखक यशपाल की जन्मशती के उपलक्ष्य में लिखा गया था। लेखक, प्रमोद रंजन, हिमाचल प्रदेश में लम्बे समय तक रहे हैं। इस लेख में उन्होंने यशपाल के हिमाचल प्रदेश से संबंध को रेखांकित किया है। साथ ही, उन्होंने हिमाचल प्रदेश के साहित्यकारों से आह्वान किया है कि वे यशपाल की वैश्विक दृष्टि से प्रेरणा ग्रहण करें और उससे जुड़ें।
वे लिखते हैं कि “आज जब यशपाल के जन्म का सौवां साल पूरा हो रहा है तो यह देखना प्रासंगिक होगा कि समाज के लिए उनके होने के क्या मायने रहे हैं? उनकी जन्मशती पर डाक टिकट जारी होने की घोषणा हो चुकी है। फिटलैटिक विभाग की सूचना अनुसार इसे तीन दिसंबर को लखनऊ में जारी किया जाना है। यशपाल साहित्य परिषद, नादौन इस बात पर फख कर सकती है कि भारत सरकार के फिटलैटिक विभाग ने उससे इस समारोह को आयोजित करने के लिए पूछा। हालांकि परिषद धनाभाव के कारण इस आयोजन को करने में असमर्थ रही। पर यह दीगर मामला है। सवाल, इस आयोजन को करने में हिमाचल की सामर्थ्य या धनाभाव के कारण असमर्थता का नहीं है। सवाल यह है कि यशपाल की क्रांतिचेतना को हिमाचल कितना अंगीकार कर सका है? इस शताब्दी वर्ष में हमें यह भी देखना चाहिए कि यशपाल की विश्व दृष्टि का हमारे समाज में कितना विकास हुआ है?”