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Pramod Ranjan deposited भगाणा की निर्भयाएं in the group
Religious Studies on Humanities Commons 4 months, 4 weeks ago
यह किताब बहुजन डाइवर्सिटी द्वारा 2007 से शुरू की गई भारत की ज्वलंत समस्याएं शृंखला की है। पुस्तक में समय समय पर उद्भव होने वाली कुछ ख़ास समस्याओं, जिनसे राष्ट्र का जीवन बुरी तरह प्रभावित होता है एवं जिन्हें मीडिया के अल्पकालिक प्रभाव के चलते लोग एक अंतराल के बाद विस्मृत कर समस्याओं के अम्बार में घिरे देश की दूसरी समस्याओं में खो जाते हैं, को यदि पुस्तक के रूप में गंभीरता से परोसा जाए तो राष्ट्र उनकी अनदेखी नहीं कर पायेगा। 21वीं सदी में दुनिया की नजरों में भारत की छवि एक असभ्य व बर्बर राष्ट्र के रूप में अटूट है। लेकिन भगाणा दुष्कर्म काण्ड के बाद ‘दलित उत्पीड़न के अनवरत सिलसिले’ पर संगठन को एक और किताब लाने के लिए बाध्य होना पड़ा।