• महज एक बच्चे की ताली पर (प्रभाष जोशी के लेख पर प्रतिक्रिया)

    Author(s):
    Pramod Ranjan (see profile)
    Date:
    2022
    Group(s):
    Communication Studies
    Subject(s):
    Journalism--Objectivity--Public opinion, Journalism and social justice, Indian press, Mass media and regionalism, Race relations in mass media
    Item Type:
    Online publication
    Tag(s):
    Prabhat Khnabar, dainik Hindustan, Prabhash joshi, Paid News, Fake journalism, Hindi Print media, Election and news, Jansatta, Jansatta
    Permanent URL:
    https://hcommons.org/deposits/item/hc:49883/
    Abstract:
    यह लेख प्रभाष जोशी के लेख 'काले धंघे के रक्षक' के प्रत्युत्तर में लिखा गया था, जो हाशिया नामक ब्लॉग पर सितंबर, 2009 में प्रकाशित हुआ था। इससे संबंधित घटनाक्रम इस प्रकार था : प्रमोद रंजन रंजन का लेख 'विश्वास का धंधा' हिंदी दैनिक जनसत्ता के 30 अगस्त, 2009 अंक में संपादकीय पृष्ठ पर छपा था। प्रभाष जोशी जनसत्ता के संस्थापक-संपादक थे। जिस समय प्रमोद रंजन का लेख प्रकाशित हुआ था, उस समय जनसत्ता के संपादक ओम थानवी थे। प्रमोद रंजन का उक्त लेख उनकी पुस्तिका 'मीडिया में हिस्सेदारी' में संकलित था और उस पुस्तिका की भी बहुत चर्चा उन दिनों हुई थी। प्रभाष जोशी उन दिनों पेड न्यूज के विरोध में अभियान चला रहे थे। उनका तर्क था कि पैसा देकर खबर छपवाने से पत्रकारिता की मर्यादा भंग हो रही है प्रमेाद रंजन ने उनके इस अभियान की सराहना की थी, लेकिन यह सवाल उठाया था कि भारतीय अखबारों के न्यूज रुमों पर ऊंची जातियों का कब्जा है और वरिष्ठ पत्रकार चुनाव के समय जाति-धर्म और मित्र-धर्म का निर्वाह करते हैं, जिससे दलित-पिछड़े तबकों से आने वाले राजनेताओं के साथ् न्याय नहीं होता। प्रभाष जोशी पर उन दिनों जातिवाद करने का आरोप लग रहा था। प्रमोद रंजन खिलाफ इस कटु लेख लिखने के कारण उनका ब्राह्मणवाद और स्पष्टता से सामने आ गया था। बाद में प्रमोद रंजन ने उनके इस लेख का उत्तर यहां संकलित लेख 'महज एक बच्चे की ताली पर' लिख कर दिया था। हिंदी पत्रकारिता में जाति के सवाल के इतिहास के सवाल को समझने के इच्छुक शोधार्थियों को यह पूरा विवाद देखना चाहिए।
    Notes:
    प्रमोद रंजन का लेख 'विश्वास का धंधा' यहां देखें : https://www.bhadas4media.com/old/pramod-ranjan/ प्रभाष जोशी का लेख काले धंधे के रक्षक यहां देखें: https://doi.org/10.5281/zenodo.7387770 मीडिया में हिस्सेदारी पुस्तिका यहां देखें: https://doi.org/10.17613/7bf4-3p41
    Metadata:
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    Published
    Last Updated:
    4 months ago
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    Attribution
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