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सोशल मीडया कंपनियों पर नहीं, जनता की जुबान पर ताला
- Author(s):
- Pramod Ranjan (see profile)
- Date:
- 2021
- Group(s):
- Communication Studies, Public Humanities
- Subject(s):
- Social media, Digital media--Social aspects, Social media--Law and legislation, Social media and society, Freedom of information
- Item Type:
- Article
- Tag(s):
- Indian goverment, facebook, twiter, OTT, Information Technology Act, Intermediary Liability
- Permanent URL:
- https://doi.org/10.17613/p75c-3664
- Abstract:
- फरवरी, 2021 के अंतिम सप्ताह में भारतीय डिज़िटल दुनिया में यह ख़बर छायी रही कि सरकार सोशल-मीडिया कंपनियों पर लगाम कसने के लिए एक कड़ा नियमन लेकर आयी है। इसे “सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती संस्थानों के लिए दिशा-निर्देश और डिज़िटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 “ का नाम दिया गया है। कहा गया कि जिन कंपनियों की नकेल कसने में यूरोपीय देशों को नाकों चने चबाने पड़ रहे हैं, उसे भारत की मौजूदा मज़बूत सरकार ने आख़िरकार झुकने के लिए मजबूर कर दिया। लेकिन वास्तव में ये नियम मध्यवर्ती प्लेटफॉर्मों पर नकेल कसने से अधिक अपनी जनता को भयभीत करने, सामाजिक-सांस्कृतिक और राजीनितिक स्तर पर मूलगामी सवाल उठाने वालों को क़ाबू में रखने के लिए हैं। इससे बहुसंख्यक भारतीय जनता को, जो भी, जैसी भी अभिव्यक्ति की आज़ादी अब तक प्राप्त है, वह भी अनेक रूपों में बाधित होगी।
- Metadata:
- xml
- Published as:
- Journal article Show details
- Publisher:
- Media Studies Group, India, (MSGI)
- Pub. Date:
- 2021
- Journal:
- Jan Media
- Volume:
- 10
- Issue:
- 110
- Page Range:
- 15 - 16
- ISSN:
- 2277-2847
- Status:
- Published
- Last Updated:
- 1 year ago
- License:
- Attribution
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Item Name: सोशल-मीडया-कंपनियों-पर-नहीं-जनता-की-जुबान-पर-ताला-_-jan-media.pdf
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